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Thursday 12 November 2009
उठो धरा के अमर सपूतों
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उठो सोने वालों
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ऐ मातृभूमि !
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कांतिमय हो
अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में
संसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय हो
तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो
तेरी प्रसन्नता ही आनंद का विषय हो
वह भक्ति दे कि 'बिस्मिल' सुख में तुझे न भूले
वह शक्ति दे कि दुख में कायर न यह हृदय हो
- रामप्रसाद बिस्मिल
आज तिरंगा फहराता है | ||
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