आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी। लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।। व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया। हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।। हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है। जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।। प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर। हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।। लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है। उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।। हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे। सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।। विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
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bahut hee sarthak prayas !
ReplyDeleteaapka swagat hai !
word verification hata len to achchha rahe . is se koyee fayada bhee naheen
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ReplyDeleteअति सुन्दर. बहुत दिनों बाद राष्ट्र प्रेम में लिखी कविता पढने को मिली.
ReplyDeleteमेरी शुभकामनाएं!
- सुलभ जायसवाल 'सतरंगी')